Monday, June 18, 2018

अपना शहर मगरुवा 18-6-18

अपना शहर मगरुवा
का हो बच्चा ( अध्यक्ष जी ) पोकनी भैइस के जनतादल ( महिला ) के
जिलाअध्यक्ष बना देहला !
लखनऊ प्रवास से कल लौटा आज सोचा कि जरा टहल आते है अपनी मोपेड उठाकर कालीनगंज के रास्ते बढ़ रहा था अचानक मन में ख्याल आया की अध्यक्ष जी के यहाँ हो लूँ , गाडी खड़ी करके अन्दर गया तो देखा हरफन मौला नरेन्द्र सिंह कण्ठी चचा मस्त बैठकर अखबार पढ़ रहे है उनके अगल - बगल तीन चार लोग बैठे है मैं भी धीरे से वहां पहुच गया सामने नजर पड़ गयी मगरू भाई भी विराजमान है , मैंने नरेंद्र चाचा से पूछा की कुछ बतावा चचा - चचा ने बड़े मस्ती भाव से बोला बच्चा तू हमके फसावा मत हम जानत हई की तू कुछ लिख दबा , मगरू भाई ने कहा दादा बैठा ह बतावत हई पूछा , हमने मगरू भाई से पूछा कि यहाँ के मशहूर मिठाई वालो के बारे में बतावा मगरू भाई - मगरू अपने अपने अंदाज में शुरू हुए लगे कहने बीसा चचा जिनकर दूकान पुरानी कोतवाली पर रहे का मिठाई बनावत रहने लबालब देशी घी में इमरती अउर मालपुआ उनकर बहुते मस्त बने शहर के जितने बड़े लोग ओ समय रहने केहू भी ऐइसन न रहे जेकर गाडी - घोड़ा उनके दुकान पे न रुके हम लोग भी इमरती खाए खातिर पहुच जाई , एक बात बताई दादा बहुत अनुशासित रहने बीसा चचा शुद्द देशी घी में सब बनत रहे उनकरे इहा , अब आगे बतावटी हई शंकर जी की मूर्ति पर झटकू चचा रहने उनकर पेडा मशहूर रहे शहर में उनके टक्कर के पेडा कही न मिळत रहे कोट मोहल्ला में विन्ध्याचल हलवाई रहने उ जउन जलेबी बना दे जिलवा में केहू न बना पावे वही रहने सीता हलवाई उनकर छोला बड़ा मशहूर रहे उ आपन ठेला लेके डी.ए.वी. इंटर कालेज में ठेला लगावे जब इंटरवल होक तब कुल लइका एक दमे उनके घेर ले - अब आगे सूना दादा मगरू ने बोला ये शहर में दुई लोग गजब के रहे दिनुमल सिन्धी उ तेरह साल के उमर में कराची से भाग के इहा आयेल रहने पहली उ फेरी लगावे बाद में कुछ पैसा इकठ्ठा करके चौक पर देवी जी के मंदिर के सामने सिन्धी होटल खोल लेहने उन्ही के बगल में लारी गुप्ता के चाय के दूकान रहे लारी चचा बहुत मस्त रहने उनके इहा सबेरे के बेला जलेबी दूध धी मिले चौक पर इ दुई होटल पर शाम के बड़ा जमावड़ा होके- सिन्धी होटल पर नेतन के अउर लारी के इहा जिला के बौद्धिक बैठे ओ समय जिले के नामी गिरामी ठीकेदार भवन बनावे में एक्सपर्ट बाबू साहब दयाल सिंह बाबू लालता सिंह भगवती सिंह सरजू राम यादव जइसंन जिले के दमदार लोगन शाम के लारी के दूकान पर बैठत रहने अब तो एक अउर बात बतावत हई एक बार बच्चा बाबू अध्यक्ष जी के इहा प्रखर समाजवादी नेता आदरणीय चन्द्रशेखर जी अइने ओकरे पहिले उहा पर बच्चा बाबू पदमाकर लाल पूर्वांचल के गांधी बाबू विश्राम राय , समाजवादी विचारक संजय श्रीवास्तव , राजमंगल सिंह यशवंत सिंह नामवर सिंह पतिराम यादव विजयप्रकाश बंश बहादुर सिंह , काह्सी हिन्दू विश्व विधालय की उपाध्यक्ष और तेजतरार महिला नेता अंजना प्रकाश जी मौजूद थी चन्द्रशेखर जी की अगवानी में चन्द्रशेखर जी आकर बच्चा बाबु के बैठका(कच्चे वाले ) में आसन ग्रहण किये कुछ देर बाद राजमंगल सिंह ( जो अतीत से वर्तमान तक अपना ज्यादातर समय महिलाओं के बीच गुजारने का प्रयास करते है ) उन्होंने चन्द्रशेखर जी से इंदिरा सिंह का परिचय कराते हुए कहा कि यह जनतादल की महिला शाखा की जिलाध्यक्ष है , तत्काल चन्द्रशेखर जी ने प्रतिक्रिया दिया का बच्चा महिला जंदल के अध्यक्ष इहे पोकनी भैस मिलल हवे , चन्द्रशेखर जी बड़े नेता थे वो तुरंत सतर्क हो गये और संशोधन करते हुए बोले कि मेरे कहने का आशय था कि कोई तेजतरार - नौजवान कार्न्तिकारी महिला जनतादल की जिलाध्यक्ष होनी चाहिए | आगे आजमगढ़ से चक्रपानपुर , खरिहानी - चिरैयाकोट - एक दर्जन मीटिंगों में उनकी इस बात की चर्चा रही और चिरैयाकोट की मीटिंग समाप्त होने के बाद जब रामगोविंद चौधरी जो वर्तमान में प्रतिपक्ष के नेता है वो चन्द्रशेखर जी की गाडी की और लपके बैठने के लिए तभी उनकी गरदन पकड़कर चन्द्रशेखर जी ने कहा की तुम पिछली गाडी से आओ और अपनी गाडी में श्रीमती अंजना प्रकाश को बिठाया और गाजीपुर की मीटिंग के लिए रवाना हो गये ठीक इसी तरह का वाकया 1996 के विधानसभा स्थानीय जजी के मैदान में हुआ जब भारतीय जनता पार्टी के सदर विधानसभा क्षेत्र के प्रत्याशी पंडित श्रीकिशुन तिवारी के पक्ष में भारत के पूर्व प्रधान मंत्री अटल बिहारी बाजपेयी जी ने जन सभा को सम्बोधित किया , जन सभा के समाप्ति के बाद भाजपा के तत्कालीन प्रदेश अध्यक्ष पंडित कलराज मिश्र और वर्तमान अध्यक्ष महेंद्र नाथ पाण्डेय समेत कई लोगो ने अटल जी के गाडी में बैठने का प्रयास किया परन्तु अटल जी ने सबको दरकिनार करते हुए श्रीमती वीणा पाण्डेय ( संयोग से वो भी काशी हिन्दू विश्व विद्यालय की उपाध्यक्ष रही थी और बाद में सदस्य विधान परिषद भी हुई ) को अपनी गाडी में बिठाया और बनारस की तरफ कूच कर गये |

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