अमर शहीद - ए - वतन अशफाक उल्ला_खां का जन्म - शहादत व मजार स्थल का अब तक सफर
जहां अक्सर आना जाना लगा रहता हैं। कौमी एकता की मिसाल अशफ़ाक कहते हैं :-
👍बिस्मिल हिंदू हैं कहते हैं, 'फिर आऊंगा,फिर आऊंगा,फिर आकर ऐ भारत मां तुझको आजाद कराऊंगा.'...जी करता है मैं भी कह दूं पर मजहब से बंध जाता हूं,मैं मुसलमान हूं पुनर्जन्म की बात नहीं कर पाता हूं..हां, खुदा अगर मिल गया कहीं तो अपनी झोली फैला दूंगा और जन्नत के बदले उससे एक पुनर्जन्म ही मांगूंगा.'
👍हम भारत माता के रंगमंच पर अपना पार्ट अदा कर चुके हैं. हमने गलत अथवा सही, जो कुछ भी किया, स्वतंत्रता प्राप्ति की भावना से किया. कुछ लोग हमारे काम की प्रशंसा करेंगे और कुछ निंदा भी. किन्तु हमारे साहस और वीरता की प्रशंसा हमारे दुश्मनों तक को करनी पड़ेगी.
👍तुम समझते होगे कि काल-कोठरियों ने मुझे दुबला कर दिया है, मगर बात ऐसी नहीं है. मैं आजकल बहुत कम खाता हूं और इबादत में ज्यादा समय गुजारता हूं. कम खाने से इबादत में खूब मन लगता है.
👍यह सोचकर कि सात करोड़ मुसलमान भारतवासियों में मैं सबसे पहला मुसलमान हूं जो भारत माता की स्वतंत्रता के लिए फांसी पर चढ़ रहा हूं, मैं मन ही मन अभिमान का अनुभव कर रहा हूं.
👍"ये ताला तोडऩा पूड़ी-सब्जी खाने वालों का काम नहीं है"
(काकोरी ट्रेन लूट के दौरान खजाने का ताला तोड़ते वक्त अपने शाकाहारी साथियों की चुटकी लेते हुए)
(काकोरी ट्रेन लूट के दौरान खजाने का ताला तोड़ते वक्त अपने शाकाहारी साथियों की चुटकी लेते हुए)

अमर शहीद - ए - वतन अशफाक उल्ला_खां को समर्पित
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ReplyDeleteसादर नमस्कार ,
ReplyDeleteआपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल मंगलवार (17 -3-2020 ) को मन,मानव और मानवता (चर्चा अंक 3643) पर भी होगी,
आप भी सादर आमंत्रित हैं।
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कामिनी सिन्हा
🙏
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ReplyDeleteआप की पोस्ट बहुत अच्छी है आप अपनी रचना यहाँ भी प्राकाशित कर सकते हैं, व महान रचनाकरो की प्रसिद्ध रचना पढ सकते हैं।
ReplyDeleteOnline Cake Delivery in India | Order Cake Online | Send Cakes to India - Indiagift
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