Sunday, September 15, 2019

बिहार शरीफ - नवादा बगावत

लहू बोलता भी हैं -- सैय्यद शाहनवाज कादरी

बिहार शरीफ - नवादा बगावत

1857 की जंगे आजादी की पहली लड़ाई में नवादा के लोग भी अंग्रेजो के खिलाफ बगावत करने में किसी से पीछे नही थे | एक तो यहाँ आरा की बगावत का असर था , दुसरे यहाँ के बहुत से लोग सेना और पुलिस से बगावत करके अपने - अपने गाँव पहुच गये थे , | उन्ही में रामगढ़ बटालियन के इंकलाबी नेता सूबेदार अली भी थे जो बिहार शरीफ के नजदीक चरकोसा गाँव के रहने वाले थे | अंग्रेजो के हेडक्वाटर कलकत्ता से बनारस जाने का यही एक रास्ता था | दुसरा राजगीर तक सडक के किनारे पहाडिया और जंगलात थे , जिनका फायदा उठाकर इंकलाबी अंग्रेजो की गाडियों पर हमला करते और जंगलो में छुप जाते थे | नवादा के डिपुटी मजिस्ट्रेट के बंगले और अदालत में लूटपाट करके आग लगा दी गयी थी | नादिर अली नवादा का मोर्चा सम्भाले हुए थे | इधर राजगीर के मोर्चे पर हैदर अली , मेहँदी अली और हुसैन बख्श खान के साथ हजारो लोग थे | उन्ही के साथ रजवार बागी भी तलवार , भाले और लाठियों को लेकर मोर्चे पर डटकर अग्रेजो का मुकाबला करते रहे | कमिश्नर रैट्रो ने सिख फौजियों के साथ इस इलाके में अचानक भारी तैयारी के साथ धावा बोल दिया | नतीजन जबरदस्त मुकाबला हुआ , जिसमे मेहँदी अली खान और हुसैन बख्श खान मैदाने - जंग में ही शहीद हुए थे | हैदर अली खान ने अपने आपको परगना राजगीर का राजा होने का एलान किया और तीन - चार सौ लोगो को हथियारों से लैस कराकर थाना पहुच गये और आबकारी व जमींदारी की कचहरी पर हमला बोलकर कब्ज़ा कर लिया | जब यह खबर कमिश्नर को मिली तो उन्होंने पूरी तैयारी से राजगीर पहुचकर मोर्चा सम्भाला | आमने - सामने की लड़ाई में आंदोलनकारियो में तीन लोग मारे गये और कई घायल हो गये | हैदर अली समेत 13 आंदोलनकारी जख्मी हालत में गिरफ्तार कर लिए गये | 9 अक्तूबर 1857 को विशेष कमिश्नर ट्राटर ने 1857 एक्ट 16 के तहत हैदर अली को फांसी और 11 लोगो को 14 साल की कैद की सजा का हुकम दे दिया | इन 11 लोगो में मोहम्मद राजगीर के बाशिंदे थे |
हैदर अली की गिरफ्तारी अंग्रेज अफसर के लिए कितनी अहम् थी इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है की कमिश्नर ने थानेदार कलक्टर के राइटर और चौकीदार को 500 रूपये और 200 रूपये का नगद इनाम दिया और दरोगा की तनख्वाह में 150 रूपये का इजाफा कर दिया | साथ ही नवादा - कमिश्नर ने बगावत के केस में जेल की सजा काट रहे आंदोलनकारियो जिनमे हिदायत अली , जुम्मन , फरजन्द अली और पीर अली की जायदाद जब्त करने का भी आदेश दिया |
प्रस्तुती - सुनील दत्ता - स्वतंत्र पत्रकार - समीक्षक

No comments:

Post a Comment