बेखबर जिन्दगी
शब्दों में भी जी लेता था वो ----
कुंची की तरह कलम से रिश्ता निभाने वाले वांन गाग के लिए किताबे जिन्दगी जीने और बात करने का एक जरिया थी | वांन अक्सर विलेमिना से कहता था कि ' मैं एक किताब ये जानने के लिए पढता हूँ कि उन्हें लिखने वाला कलमकार कैसा होगा | ' इसी जानने के जूनून ने वांन को आट्रान , सेटेव्युबे , लामाट्रिन , हेइने, गोथे , हेनरी वर्ड्सवर्थ लागफैलो , डिकिस, शेक्सपियर , जैसे रचनाकारों से मिलाया | और यही जूनून एक दिन वांन को किताबो के ऐसे संसार में ले गया जहा शब्द ही साँस बन गये | विक्टर हयूगो शेक्सपियर और डिकिस वांन के सर्वकालिक प्रिय कलमकारों की सूची में थे | नये लेखको में वांन ने बी , स्टोव और एमिले जोला को दीवानगी की हद तक पढ़ना पसंद किया | एमिले की कलम से खीचे पेरिस की बस्तियों , अँधेरी खदानों , गरीबी , निराशा और रिश्तो के खीचतान के जीवंत चित्रों ने वांन को इतना द्रवित किया कि वांन ताजिंदगी एमिले की कलम के जादू में कैद हो गये | यूँ रंगों की तरह शब्दों की दुनिया में भी वांन ने अपने आपको किसी ख़ास व्यक्ति या विधा से नही बांधा था | एक ओर जहा उसने नैतिक और धार्मिक साहित्य को पढ़ना पसंद किया वही दूसरी ओर यथार्थवादी साहित्य से भी उतना लगाव रखा | यही नही अवसाद और तनाव के दिनों में हास्य - व्यंग की किताबो से भी नजदीकी रिश्ता जोड़ लिया , लेकिन शब्दों से वांन का रिश्ता केवल पढने तक सीमित नही था | बल्कि वांन को लिखने का भी उतना ही शौक था | हालाकि वांन ने कभी कोई कहानी नही लिखी मगर थियो , कार विलेमिना गागुइन , जो अन्ना कार्नेलिया अंकल सेंट आदि को लिखे अनगिनत खतो में से उसे पढ़ना एक अलग एहसास है | जान एच के मुताबिक़ , विसेंट खुद को अभिव्यक्त करने में असाधारण थे और यह उनकी लेखन प्रतिभा का प्रमाण है कि आज उनके ख़त न केवल दुनियाभर में उनकी जिन्दगी को जान्ने के सबसे विश्वसनीय दस्तावेज है वरन साहित्यिक दृष्टि से भी इनका मूल्य कुछ कम नही | भावनाओं , विश्वासों से भरे इन खतो का हर शब्द वन के भीतर छिपे कलमकार से मिलवाता है |
शब्दों में भी जी लेता था वो ----
कुंची की तरह कलम से रिश्ता निभाने वाले वांन गाग के लिए किताबे जिन्दगी जीने और बात करने का एक जरिया थी | वांन अक्सर विलेमिना से कहता था कि ' मैं एक किताब ये जानने के लिए पढता हूँ कि उन्हें लिखने वाला कलमकार कैसा होगा | ' इसी जानने के जूनून ने वांन को आट्रान , सेटेव्युबे , लामाट्रिन , हेइने, गोथे , हेनरी वर्ड्सवर्थ लागफैलो , डिकिस, शेक्सपियर , जैसे रचनाकारों से मिलाया | और यही जूनून एक दिन वांन को किताबो के ऐसे संसार में ले गया जहा शब्द ही साँस बन गये | विक्टर हयूगो शेक्सपियर और डिकिस वांन के सर्वकालिक प्रिय कलमकारों की सूची में थे | नये लेखको में वांन ने बी , स्टोव और एमिले जोला को दीवानगी की हद तक पढ़ना पसंद किया | एमिले की कलम से खीचे पेरिस की बस्तियों , अँधेरी खदानों , गरीबी , निराशा और रिश्तो के खीचतान के जीवंत चित्रों ने वांन को इतना द्रवित किया कि वांन ताजिंदगी एमिले की कलम के जादू में कैद हो गये | यूँ रंगों की तरह शब्दों की दुनिया में भी वांन ने अपने आपको किसी ख़ास व्यक्ति या विधा से नही बांधा था | एक ओर जहा उसने नैतिक और धार्मिक साहित्य को पढ़ना पसंद किया वही दूसरी ओर यथार्थवादी साहित्य से भी उतना लगाव रखा | यही नही अवसाद और तनाव के दिनों में हास्य - व्यंग की किताबो से भी नजदीकी रिश्ता जोड़ लिया , लेकिन शब्दों से वांन का रिश्ता केवल पढने तक सीमित नही था | बल्कि वांन को लिखने का भी उतना ही शौक था | हालाकि वांन ने कभी कोई कहानी नही लिखी मगर थियो , कार विलेमिना गागुइन , जो अन्ना कार्नेलिया अंकल सेंट आदि को लिखे अनगिनत खतो में से उसे पढ़ना एक अलग एहसास है | जान एच के मुताबिक़ , विसेंट खुद को अभिव्यक्त करने में असाधारण थे और यह उनकी लेखन प्रतिभा का प्रमाण है कि आज उनके ख़त न केवल दुनियाभर में उनकी जिन्दगी को जान्ने के सबसे विश्वसनीय दस्तावेज है वरन साहित्यिक दृष्टि से भी इनका मूल्य कुछ कम नही | भावनाओं , विश्वासों से भरे इन खतो का हर शब्द वन के भीतर छिपे कलमकार से मिलवाता है |
prnam baabu ji
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