Wednesday, July 10, 2019

अहरार मूवमेंट



तहरीके जिन्होंने
जंगे - आजादी -ए- हिन्द को परवान चढाया
अहरार मूवमेंट
अहरार आन्दोलन की बुनियाद मौलाना रईस - उल -अहरार , मौलाना हबीबुर्रहमान लुधियानवी , सैय्यद अताउल्ला शाह बुखारी और चौधरी अफजल हक़ ने 29 दिसम्बर सन 1929 को हबीब हाल लाहौर में रखी थी | इसका मकसद तब की जालिम अंग्रेजी हुकूमत को उखाड़ फेकना था | इस आन्दोलन का ववत तो बहुत ज्यादा नही रहा लेकिन जितने दिनों तक मूवमेंट चला , अंग्रेजो को नाको - चना चबाने पर मजबूर कर दिया | कई मौको पर हजारो - हजार वालेंटियर गिरफ्तार करके जेल हेजे गये , लेकिन आन्दोलन बदस्तूर चलता रहा | अल्लामा इकबाल साहब जंगे - आजादी के अजीम मुजाहिद और मजलिसे - अहरार के बानी सैय्यद अताउल्लाह शाह बुखारी के बारे में कहा करते थे की ये इस्लाम की चलती फिरती तलवार हैं |
भारत छोडो आन्दोलन
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काकोरी काण्ड के 17 साल बाद महात्मा गांधी के पुकार पर पूरे मुल्क में एक साथ अंग्रेजो भारत छोडो का नारा बुलंद हुआ | यह अंग्रेजो के खिलाफ एक बड़ा सिविल नाफरमानी आन्दोलन था | क्रिप्स मिशन की नाकामयाबी के बाद महात्मा गांधी ने ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ इस बड़े आन्दोलन का फैसला 8 अगस्त सन 1942 को बम्बई में अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के इजलास में किया गया | गांधी जी को फ़ौरन ही गिरफ्तार कर लिया गया , लेकिन मुल्क भर के नौजवान वालेंटियर हड़ताल और तोड़फोड़ की कार्यवाई करने लगे | जयप्रकाश नारायण , डा राममनोहर लोहिया व दीगर नेता रूपोश होकर आन्दोलन की सरपरस्ती करते रहे | इस आन्दोलन का मुस्लिम लीग व हिन्दू महासभा व उनके हमख्याल लोगो ने बाईकाट किया था बाकी जंगे - आजादी के लिए बनी हर छोटी - बड़ी तंजीम ने क्विट इंडिया मूवमेंट में हिस्सा लिया | इसी में सतारा और मेदनीपुर जिलो में आजाद हुकूमत का कयाम अमल में आया | अंग्रेजो ने इस आन्दोलन को दबाने में बहुत ही सख्त रवैया अपनाया | हजारो लोग मारे गये और कई हजार कारकुनो को गिरफ्तार करके जेल भेज दिया गया | भारत छोडो आन्दोलन को केरल में अब्दुल कादिर ने बहुत ही असर अंदाज ढंग से चलाया | इस आन्दोलन में सरगर्म कायद की तरह हिस्सा लेने पर अब्दुल कादिर को सन 1942 में फाँसी दी गयी थी | भारत छोडो आन्दोलन में बम्बई के उस मशहूर कारोबारी उमर सुभानी को अंग्रेजो ने घर में ही आग लगाकर शहीद कर दिया जिन्होंने आन्दोलन के लिए बेहिसाब माली मदद की थी , यह आन्दोलन तक़रीबन एक साल तक लगातार चला |

प्रस्तुती - सुनील दत्ता - स्वतंत्र पत्रकार - समीक्षक
साभार -- लहू बोलता भी हैं -- सैय्यद शाहनवाज अहमद कादरी

8 comments:

  1. आपकी लिखी रचना ब्लॉग "पांच लिंकों का आनन्द" में गुरुवार 11 जुलाई 2019 को साझा की गयी है......... पाँच लिंकों का आनन्द पर आप भी आइएगा....धन्यवाद!

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  2. अहरार मूवमेंट की जानकारी देकर बहुत अच्छा किया आपने
    मुझ जैसे अनेकानेक लोगों को विस्तृत जानकारी मिली

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  3. बहुत लाभकारी जानकारी अहरार मूवमेंट के बारे में ।

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  4. बहुत जानकारी युक्त पोस्ट।
    ज्ञान वर्धक ।
    सार्थक।

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