Friday, July 19, 2019

रेशमी रुमाल तहरीक

लहूँ बोलता भी हैं
तरीके जिन्होंने जंगे - आजादी -ए - हिन्द को परवान चढाया
रेशमी रुमाल तहरीक

आन्दोलन की जानकारी को खुफिया तरीके से एक - दुसरे तक पहुचाने के लिए इस तहरीक का इजाद किया गया था | खिलाफत मूवमेंट व अदमताऊन तहरीक की वजह से अंग्रेज खुफिया एजेंसी के lओग ज्यादातर मुस्लिम इदाय्रो व मजहबी इदाय्रो के आस - पास निगरानी रखने लगे थे | इससे बचकर मूवमेंट की जरूरी मालूमात एक जगह से दूसरी जगह भेजने की यह कारगर तरकीब साबित हुई | इस तहरीक का नाम रेशमी रुमाल तहरीक पडा | इस तहरीक में एक रेशमी रुमाल पर जरी के काम से जरूरी जानकारी को काढा जाता था उसके बाद इसे किसी भरोसेमंद आदमी के जरिये कपड़ो के व्यापारियों ( जो तिजारत की गरज से हिजाज से हिन्दुस्तान आते थे ) के बण्डल में रखकर भेजा जाता था | इस तहरीक व तरीकेकार को इजाद करनेवालों व जंगे - आजादी में अहम् मुकाम रखनेवाले मौलाना महमुदुल हसन मदनी थे जिन्हें शेख - उल -हिन्द के खिताब से जाना जाता था | मदनी साहब के साथ रहते हुए मौलाना उबैदुल्लाह सिन्धी ने इस तहरीक के लिए बहुत मेहनत व जोखिम उठाकर इसे आगे बढाया | मौलाना सिन्धी रेशमी रुमाल तहरीक के जरिये अफगानिस्तान में रहकर मूवमेंट की मजबूती के लिए बहुत जिम्मेदारी से काम को अंजाम दिया | दुसरे मुल्को से हिन्दुस्तान की जंगे - आजादी के मुहीम में मदद के लिए शेख - उल -हिन्द ने मदीने में तुर्की में मिनिस्टर अनवर पाशा से मुलाक़ात की इस मुलाक़ात में उन्होंने मदद का यकीन दिलाया | उनके वायदे के मुताबिक़ ब्रिटिश हुकूमत से लड़ने के लिए एक खुफिया स्कीम तैयार हुई | लेकिन इस पर अमल शुरू होने से पहले ही मदीने में शेख - उल हिन्द को सन 1916 में गिरफ्तार कर लिया गया | वहां से मिस्र होते हुए रोम सागर के एक टापू माल्टा पर कैद कर दिया गया | आपके साथ मौलाना वहीद अहमद व कुछ और लोग ही थे | आपकी गिरफ्तारी व अनवर पाशा के लिखे मदद के हट जो रेशमी रुमाल के जरिये हिन्दुस्तान लाये जा रहे थे उन्हें मुबई में ब्रिटिश हुकूमत के अफसरानो ने पकड़ लिया | उसके बाद इस तहरीक से जुड़े ज्यादातर उलमा गिरफ्तार कर लिए गये | यह तहरीक इसके बाद खत्म हो गयी | शेख - उल हिन्द व उनके साथी लोग को चार साल कैद - बा - मशक्कत की सजा खत्म होने के बाद सन 1920 में रिहा कर दिया गया |
प्रस्तुती -- सुनील दत्ता -- स्वतंत्र पत्रकार - समीक्षक
संदर्भ - सैय्यद शाहनवाज अहमद कादरी

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