Friday, October 16, 2015

संसार की सबसे छोटी किताब 16-10-15

अपना शहर – 16-10-15
अपना शहर --
तिलोकी चाय वाले के इहा के बतकही ----
तिलोकी चाय वाले के दुकान पे सुबह की चाय पीने गया ,तो देखा दीप नारायण व बृजेश सिंह बैठे है | पहले से किसी गंभीर विसह्य पे दोनों चर्चा कर रहे थे मुझे देखते ही दीपनरायन ने एक हल्की सी अपने होठो पे मुचकी मारी बड़े मोहक अंदाज में कहा की आवा दादा सबेरे - सबेरे इ कैमरा लेकर कहा निकल गईला आज कौने मगरुवा के देखला मैंने दीप नरायण से बोला आज त गजब बात करत रहे मगरुवा उ कुछ लोगन के समझावत रहे की लोगन चौराहा देखले बाड़ा लोगन इहा के डी एम् साहब चका - चक चमका देहने तबले सरवा वही से जुम्मन मिया बोललस खाक चमका देहने दक्षिण में बड़ा नर्सिंग होम ह अउर उत्तर में नर्सिंग होम ह सब गाँव देहात के लोग जानत हउये ई लोगन मुरदा लोगन से पइसा ले लेवेने अउर त अउर एक ठे चौराहा के उदघाटन प्रगतिशील शायर जावेद अख्तर साहब कये देहने उनके का पता रहे कि लोगन मुरदा रख के पइसा बनावे ने , अब त मुडिया आम गरीबे के कटी ना मगरू भइया ! मगरू ने कहा यार उ सब राज काज ह , आज चल तोहके बताई की पढले - लिखले से का फायदा बा तबले बजरगिया बोललस मगरू भइया एक ठो चिलम के चुस्की हो जाए मगरुवा हँस देहलस अउर बोललस चल सारे बनाव | तभी सप्तपर्णी के सम्पादक समाजसेवी बृजेश सिंह बोले आज शिक्षा की स्थिति एक दम गड़बड़ होती जा रही है भाई साहब मैं तो तब दांग रह गया जब एक हिंदी से एम् ए पास लड़का शुद उच्चारण नही कर पाया न ही एक शब्द ढंग से लिख पाया उसी वक्त गांजे की चुस्की मार कर मगरुवा बोला संपादक जी यह नैतिक दायित्व केकर ह जरा बतावा आप हम त अपने संगियन के शिक्षा पे बता के आवत हइ ला सूना आप सारन अपने बाल - बचचन के पढ़ाव - लिखाव किताबन से दोस्ती कराओ सब लोगन कहेने कि पढ्बे लिखबे होबे नबाब | हाँ पढले से देश दुनिया के खबर मिली सब तरह के ज्ञान बढ़ी किताबन से दोस्ती कईले में बड़ा फायदा बा पहिला तोहरे शब्दावली मजबूत होई ओकरे बाद शब्दन के भंडार बढ़ी अउर लइका कुल इंटेलिजेंट होइए अउर अगर लडकन के दिल पढ़ी में न लगत बा त अपनी माई - बाऊ या बाबा - दादी से कहानी सुने |
कुछ मजेदार बात --
बुक शब्द की उत्पत्ति लाइबर शब्द से हुई है | यह लैटिन भाषा का शब्द है | इस शब्द का उपयोग रोमन लोग , लकड़ी और पेड़ की छाल के बीच पाए जाने वाले प्रदार्थ की पतली परत के लिए करते थे |

संसार की सबसे बड़ी किताब एटलस है | यह किताब ब्रिटिश म्यूजियम में है , जो कि 5 फीट 10 इंच लम्बी और 3 फीट 6 इंच चौड़ी है | जेफरी चांसर की पुस्तक कैटबरी टेल्स की मूल प्रति 46 लाख 21 हजार 500 पौंड की बिकी है |
इसा कीमती पुसतक की बिक्री लन्दन में8 जुलाई 1998 में हुई थी |
इसकी छपाई इंग्लैण्ड में 1477 में हुई थी |
लेविस कैरोल द्वारा लिखित एलिस एडवेंचर इन वंडरलैंड की किताब के पहले संस्करण की एक प्रति न्यूयार्क में 1.5 मिलियन में नीलाम हुई |
1865 में छपी इसा किताब के पहले एडिशन की आज सिर्फ 22 कापी मौजूद है |
अमेरिका के वाशिगटन डीसी में स्थित द लाइब्रेरी आफ कांग्रेस में 280 लाख किताबे है जिसमे 535 मील लम्बे शेल्फ किताबो को रखने के लिए बने हुए है इसके बाद लन्दन की ब्रिटिश लाइब्रेरी में जहा 180 लाख किताबे है | का समझनी संपादक जी
संसार की सबसे छोटी किताब का नाम चेमिन डेला क्रुक्स है | इस किताब में 119 पेज है | यह दो इंच ऊँची और 1.33 इंच चौड़ी है |

1 comment:

  1. आपकी इस प्रविष्टि् के लिंक की चर्चा कल रविवार (18-10-2015) को "जब समाज बचेगा, तब साहित्य भी बच जायेगा" (चर्चा अंक - 2133) पर भी होगी।
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    सूचना देने का उद्देश्य है कि यदि किसी रचनाकार की प्रविष्टि का लिंक किसी स्थान पर लगाया जाये तो उसकी सूचना देना व्यवस्थापक का नैतिक कर्तव्य होता है।
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    चर्चा मंच पर पूरी पोस्ट नहीं दी जाती है बल्कि आपकी पोस्ट का लिंक या लिंक के साथ पोस्ट का महत्वपूर्ण अंश दिया जाता है।
    जिससे कि पाठक उत्सुकता के साथ आपके ब्लॉग पर आपकी पूरी पोस्ट पढ़ने के लिए जाये।
    हार्दिक शुभकामनाओं के साथ।
    सादर...!
    डॉ.रूपचन्द्र शास्त्री 'मयंक'

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