बिहार -- नेता जी -- ये नियति का खेल नही ,
आप जैसो की बदनीयती का दुष्परिणाम है !
इस प्रकरण में लीची बदनाम हुई - किसानो की कमर टूटी
मौजूदा वक्त में बिहार के करीबन 10-12 जिले के बच्चे 'चमकी ' बुखार यानी मस्तिष्क ज्वर के चलते हो रही आकस्मिक मौतों की वजह से एक बड़े संकट से जूझ रहे है | इस संकट से प्रभावित क्षेत्रो व जिलो में बचाव व बेहतर इलाज के नाम पर माने तो देश का समूचा मेडिकल सिस्टम अब तक अपने हाथ खड़े किये हुए था | बिहार में बच्चो के लिए इस जानलेवा बुखार के पीछे की असल वजह क्या है ? और यही नही , बड़ी तादात में रोज - ब- रोज होने वाली मौतों के सिलसिले को आखिर किन वजहों से आज के वक्त तक रोका नही जा सका | यह निश्चय ही देश के स्वास्थ्य विज्ञान के लिए एक बड़ा सवाल है ? गौरतलब है कि मुजफ्फरपुर , वैशाली , हाजीपुर व भागलपुर समेत करीब 12 जिलो में बीते दिनों तक 185 बच्चो की बुखार के चलते मौत हो चुकी हैं | सच तो यह हैं कि इन समूचे इलाको में पीड़ित बच्चो के परिवारों के बीच जहाँ इस त्रासदी से कोहराम मचा हुआ हैं , वही इस आफत के भुक्तभोगी के घरो पर मौत का सन्नाटा पसरा हुआ हैं | हैरत तो यह है कि इस बड़े संकट से जूझ रहे परिवारों को अपने मासूमो के बचाव का कोई आसरा नही सूझ रहा हैं वही इसके उलट बिहार की राजनीति से लगायत दिल्ली की केन्द्रीय राजनीति में इसे लेकर क्या सच है और क्या झूठ है कि बहस गरमाई हुई हैं इसके लिए न तो कोई जिम्मेदार दिख रहा हैं न ही कोई जबाबदेही के लिए तैयार है | यु तो इस संकट से बचाव के लिए बड़ी संख्या में अस्पतालों से मेडिकल कालेजो तक दिन - रात एक किये हुए है लोग , मगर प्रशासन - शासन की पूरी मुस्तैदी के बावजूद नेताओं के बयानों के चलते संकट की गम्भीरता सरकार की गैर जिम्मेदराना हरकतों के बीच कहीं न कहीं गुम दिखाई दे रही हैं | बीते वक्त इस तकलीफदेह हालत की जानकारी हासिल करने आये एक बड़े कद्दावर नेता ने ब्यान दिया इसे जरा बखूबी समझ लीजिये उनके मुताबिक़ इन मौतों के लिए न तो सरकार जिम्मेदार हैं ना ही प्रशासन , यह सब बस कुछ नियति का खेल हैं आखिर उनसे यह सवाल कौन करेगा कि इन बच्चो की लगातार होने वाली मौतों के सिलसिले को भाग्य के सहारे क्या छोड़ दिया जाना चाहिए ? फिर सरकारों का चुनाव करने की क्या जरूरत है ? इन जनप्रतिनिधियों इन स्वास्थ्यमंत्रियों और इन मुख्यमन्त्रियो की हमे क्या जरूरत है ? मगल पांडे ने तो बच्चो की बुखार से होने वाली मौतों के सिलसिले को पहली बार नही माना है स्वास्थ्य मंत्री के मुताबिक़ पिछले तीन - चार सालो से पहले भी बच्चो की मौत की इसी तरह की घटनाए हुयी है | देश में उपलब्ध डाक्टरों के अलावा विदेशी स्वास्थ्य विशेषज्ञो की भी इसे लेकर मदद ली गयी थी और इतना ही नही , मौतों के पीछे की असल वजह को अनुसन्धान के जरिये जाचने की कोशिश की गयी थी इस दौरान मिले - जुले कई तथ्य सामने आये , जिसमे कुपोषण व खाली पेट सोने जैसे कारण भी गंभीरता से लिए गये थे | इस बीच भाजपा सांसद राजीव प्रताप रूडी ने बच्चो की मौत के पीछे लीची को लेकर होने वाले शोर - शराबे को एक सोची समझी साजिश करार दिया हैं | मुजफ्फरपुर लीची उत्पादन के लिए देश में एक सर्वाधिक बड़े केंद्र के रूप में मौजूदा समय में चर्चित है इसके आसपास के लीची उत्पादन वाले जिलो में चमकी बुखार का सर्वाधिक प्रकोप देखा जा रहा है नतीजन इन जिलो से ही इस तरह के बड़े सवाल सामने आये है कि बच्चो की मौत की वजह लीची खाने से शुरू हुई | हालाकिं स्वास्थ्य विशेषज्ञ इस बुखार में मौत के असल कारणों से पूरी तरह चुप्पी साथे हुए हैं और अगर कोई बोल रहा हैं तो भाजपा के छोटे बड़े मंत्री सांसद व नेता बोल रहे हैं बताते चले कि लोकसभा में राजीव रूडी ने लीची को लेकर बच्चो की बीमारी के मुद्दे को एक तरह से खारिज ही किया बल्कि इन समूचे सवालों के पीछे चीनी कनेक्शन की बू बता दिया | रूडी का मानना है की हजारो करोड़ लीची बंदरगाह पर पड़ी हुई हैं और बाजारों में भी बिहार के किसानो की ही लीची भरी पड़ी है मौजूदा समय में लीची के मुद्दे को बुखार की वजह बताकर कुछ लोगो ने जानबूझकर बिहार के इसानो को चोट पहुचाई है | रूडी संसद के जरिये देश को यह बताने का प्रयास किया है की चीन लीची काण्ड में कही न कही से साजिशकर्ता हैं | कारण यह है चीन भारत के मुकाबले में लीची निर्यात में दुनिया में दुसरे नम्बर पर हैं यही वजह है जिसके चलते चीन देश - दुनिया के बाजारों में भारतीय लीची को ही जानलेवा बीमारी पैदा करने वाला साबित करना चाहता हैं | खैर राजिव रूडी भाजपा के एक कद्दावर नेता है और वह इसके लिए सरकार से जांच कराने की भी मांग कर सकते हैं , लेकिन जिस बड़े संकट को लेकर देश के जाने - माने स्वास्थ्य विशेषज्ञ अब तक चुप्पी साधे हुए हैं और यहाँ तक की केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री से लगायत प्रधानमन्त्री तक सच बोलने से लगातार कतरा रहे हैं , ऐसे में राजीव रूडी को असल मुद्दों से ध्यान हटाकर चीन का चक्कर नही लगाना चाहिए | इस दौरान मुजफ्फरपुर के भाजपा सांसद जय निषाद इस मष्तिष्क ज्वर का कारन बढती गर्मी - गंदगी -गरीबी व प्राकृतिक संसाधनों के छेड़छाड़ को बता रहे इन सबसे अलग पीड़ित इलाको में जनता का गुस्सा इस कदर बढ़ा हुआ हैं आये दिन राज्य मंत्रियों सांसदों और नेताओं को राजनैतिक रस्म अदायगी के दौरान जनता के बीच से पुलिस सरक्षण में किसी तरह बाहर निकला जा रहा हैं | केन्द्रीय स्वास्थ्य मंत्री अश्वनी चौबे जनता के गुस्से से बाल बाल बचे और वहाँ पर पुलिस बलप्रयोग करने की नौबत आ गयी थी लोजपा सांसद पारसनाथ पशुपति को वैशाली में लोगो ने बुरी तरह बेइज्जत कर दिया कुल मिलाकर हालात बेकाबू हैं लेकिन इस दर्दनाक दास्ताँन पर राजनैतिक दुःख ही हमारे प्रधानमन्त्री नही जता सके | बिहार में विपक्ष ज़िंदा हैं यह बताना मुश्किल हैं | मौजूदा वक्त में जरूरत इस बात की हैं नितीश कुमार नरेंद्र मोदी तक के काम - करतब को कसौटी पर जरुर आँकना चाहिए हमारा बड़ा दावा आ रहा की अन्तरिक्ष विज्ञान अभियानों में हम बड़े मुकाम हासिल कर लिए है अर्थ्व्यव्थ्सा में फ्रांस को पीछे छोड़ दिए हैं मगर सच्चाई का क्या होगा कि मासूम बच्चे बेमौत मर रहे हैं और हमारा स्वास्थ्य सामर्थ्य इलाज के नाम पर जबाब दे गया हैं |
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