मेरे प्यारे बच्चो आज तुम्हे बताता हूँ अजन्ता व एलोरा के मूर्ति शिल्प के बारे में
मुग्ध करती है अजन्ता एलोरा की मूर्ति शिल्प ---
अजन्ता को ऐतिहासिक पहचान देती अजन्ता - एलोरा की गुफाओं को एक लम्बे अरसे बाद 1819 में एक ब्रिटिश अफसर ने शिकार के दौरान देखा तो उसे पत्थरों व पहाड़ो को काट कर बनाई गयी इन अदभुत गुफाओं का अस्तित्व चकित कर गया | प्रकृति की हरी - भरी वादियों में बसी बाघेरा नदी के किनारे घोड़े की नाल के आकार में बनी इन गुफाओ का निर्माण तब किया गया जब बौद्द धर्म अपनी अलग - अलग अवस्थाओं में पनप रहा था | औरंगाबाद से 99 किलोमीटर दूर स्थित अजन्ता की गुफाओं की संख्या तीस है | विशाल पर्वतों को काट कर बनाई गयी इन गुफाओं के भित्ति चित्र और इनके अन्दर निर्मित मूर्तियों का सौन्दर्य सैकड़ो सालो बाद भी सैलानियों को मन्त्रमुग्ध करने की क्षमता रखता है | इन गुफाओं का निर्माण लगभग शायद दूसरी से सातवी शताब्दी के बीच किया गया था | गुफा न एक में भगवान बुद्द की भव्य मूर्ति देखने को मिलती है | इनकी विशेषता यह है कि इसे सामने से देखने पर महात्मा बुद्द ध्यानमग्न नजर आते है जबकि दाए - बाए देखने पर क्रोधित तथा प्रसन्नचित्त मुद्रा में नजर आते है | इस गुफा का एक अन्य आकर्षण एक सिर से चार हिरणों का शरीर जोड़े हुए मूर्ति है | इस गुफा की छत पर भी देखने योग्य चित्रकारी की गयी है |
अजन्ता की गुफाओं में बने सभी चित्र प्राकृतिक रंगों से बने है , जिनमे
हजारो वर्ष बीत जाने के बाद भी चमक देखी जा सकती है | ये बेजोड़ नमूने उस
काल की चित्रकला , शिल्प व संस्कृति को प्रदर्शित करते है |
गुफा के भीतर की चित्रकारी अपनी सुन्दरता , भाव , अभिव्यक्ति , आकर्षक चमकीली रंग योजना एवं उत्कृष्ट रंगों से उकेरी गयी संतुलित रचनाओं के कारण हतप्रद कर देती है |
एलोरा की गुफाएअपने बेजोड़ शिल्प व स्थापत्य के लिए जहा विख्यात है वही अपने ऐतिहासिक महत्व के लिए भी जानी जाती है | यहाँ की गुफाये मूर्तिकला के माध्यम से हिन्दू धर्म , जैन धर्म , बौद्द धर्म का दर्शन कराती है | कला प्रेमियों की मनपसंद स्थल अजन्ता की तरह ही एलोरा की गुफाये भी विशाल चट्टान को काटकर बनाई गयी है | इनकी संख्या 34 है | इनमे 16 गुफाय्र हिन्दू , 13 बौद्द और 5 जैन धर्म की प्रतीक है | अजन्ता की गुफाये जहा कलात्मक भित्ति चित्रों के लिए मशहूर है वही एलोरा की गुफाये मूर्ति कला के लिए विख्यात है |
सुनील दत्ता -- स्वतंत्र पत्रकार व समीक्षक
गुफा के भीतर की चित्रकारी अपनी सुन्दरता , भाव , अभिव्यक्ति , आकर्षक चमकीली रंग योजना एवं उत्कृष्ट रंगों से उकेरी गयी संतुलित रचनाओं के कारण हतप्रद कर देती है |
एलोरा की गुफाएअपने बेजोड़ शिल्प व स्थापत्य के लिए जहा विख्यात है वही अपने ऐतिहासिक महत्व के लिए भी जानी जाती है | यहाँ की गुफाये मूर्तिकला के माध्यम से हिन्दू धर्म , जैन धर्म , बौद्द धर्म का दर्शन कराती है | कला प्रेमियों की मनपसंद स्थल अजन्ता की तरह ही एलोरा की गुफाये भी विशाल चट्टान को काटकर बनाई गयी है | इनकी संख्या 34 है | इनमे 16 गुफाय्र हिन्दू , 13 बौद्द और 5 जैन धर्म की प्रतीक है | अजन्ता की गुफाये जहा कलात्मक भित्ति चित्रों के लिए मशहूर है वही एलोरा की गुफाये मूर्ति कला के लिए विख्यात है |
सुनील दत्ता -- स्वतंत्र पत्रकार व समीक्षक
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